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Ratan tata का निधन : मुट्ठी भर पारसियों ने देश की तकदीर कैसे बदली
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Ratan tata का निधन : मुट्ठी भर पारसियों ने देश की तकदीर कैसे बदली | फोर्ब्स की टॉप-10 अमीरों में पालोंजी मिस्त्री, गोदरेज और सायरस पूनावाला | Ratan Tata News

Ratan tata का निधन: मुट्ठी भर पारसियों ने देश की तकदीर फोर्ब्स की टॉप-10 अमीरों में पालोंजी मिस्त्री, गोदरेज और सायरस पूनावाला जैसे नामों को कैसे बदल दिया। यह जानकर हैरान होंगे कि टाटा समूह के चेयरमैन रहे रतन टाटा भी देश के सबसे अमीर लोगों में से एक नहीं थे।

 

दिल्ली:
Ratan Tata News: बुधवार रात रतन टाटा का ब्रीच कैंडी अस्पताल में देहांत हो गया। भारत में देश के प्रसिद्ध उद्योगपति के निधन से शोक है। Tata Group ने देश के कई राज्यों की विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। टाटा पारसी समुदाय से आता है। इस समुदाय ने भारत में व्यापार करने से लेकर देश के विकास में बहुत कुछ किया है। धर्म से जुड़े कई लोगों ने भारत की विकासगाथा लिखी है। पारसी धर्म, जिसे जरथुस्त्र धर्म भी कहा जाता है, विश्व का सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है (From where Parsi community came to India)। बताया जाता है कि करीब 3500 साल पहले, पैगंबर जरथुस्त्र ने ईरान में इस धर्म की स्थापना की। जरथुस्त्र (पारसी और हिंदू धर्म) को ऋग्वेद के अंगिरा, बृहस्पति आदि ऋषियों का समकालीन माना जाता है, लेकिन ऋग्वेदिक ऋषियों से अलग, यह एक संस्थागत धर्म था। माना जाता है कि जरथुस्त्र एक संस्थागत धर्म के प्रथम पैगम्बर थे। पारसी लोग एक ईश्वर और अहुरमज्दा भगवान मानते हैं।

 

हिंदू धर्म और पारसी धर्म में समानता

 

दैनिक जीवन के अनुष्ठानों में, “अग्नि” उनके प्रमुख देवता के रूप में दिखाई देता है, हालांकि अहुरमज्दा उनके सर्वोच्च भगवान हैं। यह बताना महत्वपूर्ण है कि पारसियों का धर्मग्रंथ ‘जेंद अवेस्ता’ ऋग्वैदिक संस्कृत की एक प्राचीन शाखा अवेस्ता भाषा में लिखा गया है। इसलिए अवेस्ता और ऋग्वेद में कई शब्द बहुत मिलते जुलते हैं। प्रमाण के रूप में इस ग्रंथ का सिर्फ पाँचवा भाग ही डाउनलोड किया जा सकता है।

ईरान छोड़कर भारत आए पारसी

ज़रथुष्ट्र धर्म इस्लाम के आने से पहले प्राचीन ईरान में प्रचलित था। सातवीं शताब्दी में, अरबों ने ईरान को जीता और वहाँ के ज़रथुष्ट्र लोगों ने इस्लाम अपनाया. जो लोग अपना धर्म नहीं बदलना चाहते थे, वे दुनिया भर में चले गए। कुछ लोग एक नाव पर सवार होकर भारत भाग गए और गुजरात के नवसारी में बस गए। वर्तमान में भारत में लगभग एक लाख लोग हैं, जिनमें से लगभग 70% मुम्बई में रहते हैं।

 

गुजरात के दीव में पारसी पहुंचे

766 ई. में ईरान से कुछ लोग दीव (दमण और दीव) पहुंचे। दीव से कुछ लोग गुजरात में बस गए, और कुछ लोग मुंबई में बस गए। ईरान में रहने वाले कुछ हजार पारसियों को छोड़कर अधिकांश पारसी अब भारत में रहते हैं, जिनमें से अधिकांश अब मुंबई में हैं।

 

भारत में पारसी व्यापारी 

यह स्पष्ट है कि पारसी समुदाय ने कैसे संघर्ष किया है। लेकिन इसके बावजूद भी यह समुदाय पराजित नहीं हुआ। इस समुदाय ने अपनी मेहनत और जुझारू रवैये के कारण एक बार फिर मिलकर काम किया, न केवल अपने समुदाय का मान-सम्मान दुनिया भर में बनाया बल्कि देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। इस समुदाय का नाम देश के कुछ बड़े उद्यमियों में आता है।

इसी समुदाय से निकले देश के बड़े पारसी घराने, जैसे टाटा, गोदरेज और पूनावाला घराने। इनके नाम राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लिए जाते हैं। फोर्ब्स की टॉप-10 अमीरों में पालोंजी मिस्त्री, गोदरेज और सायरस पूनावाला शामिल हैं। यह जानकर हैरान होगा कि टाटा समूह के चेयरमैन रहे रतन टाटा भी देश के सबसे अमीर लोगों में से एक नहीं थे। आइए देखें कि सूची में सर्वश्रेष्ठ नाम कौन हैं।

 

पालोंजी कलाकार

उद्योगति पालोनजी मिस्त्री ने देश के महान इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन ग्रुप का नेतृत्व किया है। 2022 में भी उनका निधन होगा। 2022 में उनकी संपत्ति 19 अरब डॉलर के करीब होगी। इस पारसी समूह का परिवार देश का एकमात्र है।

उनका बड़ा बेटा शापोर समूह का नेतृत्व कर रहा है। उनके छोटे बेटे सायरस मिस्त्री भी टाटा ग्रुप का चेयरमैन बन गया। जो बाद में एक विवाद के बाद कंपनी से निकाला गया और फिर एक सड़क दुर्घटना में मर गया।

 

गोदरेज

आदि गोदरेज एक प्रसिद्ध व्यापार घराने के अध्यक्ष हैं। गोदरेज भारत के सबसे अमीर उद्यमी हैं।आदि गोदरेज कई भारतीय उद्योग संघों के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में इनकी संपत्ति लगभग २.५ अरब डॉलर की है।

 

सरस्वती पूनावाला

इसके बाद उद्योगपतियों की सम्मानित सूची में एक और पारसी घराना शामिल होता है। डॉ. सायरस पूनावाला की संख्या लगभग 12.5 अरब डॉलर है। भारत भी दुनिया भर में कोरोनावायरस का शिकार था।तब पूनावाला परिवार ने आशा से कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया शुरू की। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन बनाया, जो देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया।

 

नुसली वाड़िया

नुसली वाड़िया विश्व के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उनकी संपत्ति का अनुमान लगभग 7.30 अरब डॉलर है। नुसली वाडिया वाडिया समूह का अध्यक्ष हैं।इस समूह में गो एयर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और बॉम्बे डाइंग शामिल हैं।

 

रतन टाटा

Ratan Tata News: रतन टाटा देश में एक नाम है जिसे हर बच्चा जानता है। पारसी समुदाय के कारोबारियों ने अपनी संपत्ति को कम बताया है। उनकी संपत्ति लगभग एक अरब डॉलर की है। सभी को पता है कि टाटा की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा गैरकानूनी कार्यों में खर्च किया जाता है। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप का लंबे समय तक नेतृत्व किया है। गौरतलब है कि टाटा ग्रुप को नई उंचाइयों तक ले जाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। रतन टाटा को भारत के दो नागरिक पुरस्कार मिले हैं: पद्म विभूषण (2008), दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, और पद्म भूषण (2000)।

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