Ramdan Ashra Dua: रमजान के पहले अशरे की दुआ
Ramdan Ashra Dua: रमजान के पहले अशरे की हिंदी दुआ को अभी याद रखें!
Ramdan Ashra Dua: रमजान का महीना पाकीज़ा है। रमजान तीन अशरों में विभाजित है। रहमत का पहला अशरा अभी चल रहा है। रमजान के पहले दस दिनों में जो व्यक्ति रोजे रखता है और नमाजे पढ़ता है, उस पर अल्लाह की खास रहमत दी जाती है। इस अशरे की एक मख़सूस दुआ है जो कि रोजाना पढ़नी चाहिए। जो मुसलमान पहले अशरे में ये खास दुआ (Ramadan Ashra Dua) पढ़ता है तो उस पर मौला की खास नज़रे क़रम होती है। हम आपको हिंदी में पहले अशरे की वो दुआ बताने जा रहे हैं, ताकि दुआ दिल में सीधे उतरे, आप उसे अरबी और अंग्रेजी में भी अनुवाद करेंगे। यदि कोई दुआ पढ़ी जाती है, तो वह मजबूत होती है अगर हमें अल्लाह देख और सुन रहा है. अगर ऐसा नहीं होता, तो दुआ आसमान और धरती के बीच लटकती रहती है। हम भी आपकी दुआओं में शामिल होना चाहते हैं।
पहले अशरे की दुआ हिंदी में
(Ramadan Ashra Dua)
“रब्बिग फ़िर वरहम व अंता खैरुर राहिमीन”
हिंदी में अर्थ— ऐ मेरे भगवान, मुझे बख्श दे और मुझ पर रहम फ़रमा; तू सबसे अच्छा है।
Ramadan first Ashra Dua in English Script
“RAB-BIGH-FIR WAR-HAM WA ANTA KHAIR – UR- RAAHIMEEN”
Ramadan first Ashra Dua Translation in English
Allah! Forgive me and have mercy on me. You are the Most Merciful of all
Ramadan first Ashra Dua in Arabic
رَبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَأَنْتَ خَيْرُ الرَّاحِمِينَ
कब पढ़े ये Ramadan Ashra Dua?
रमजान का पहला अशरा एक से दस रमजान तक होता है। इन दस दिनों में आप इस विशिष्ट दुआ को जब चाहें पढ़ सकते हैं। बाद में नमाज के दुआ पढ़ने का अधिक सवाब होता है। आखिरकार, अगर दरुदे पाक की ओर देखेंगे, तो दुआ की सुरक्षा होगी और वह आसमान चीरते हुए अर्शे इलाही तक जल्दी पहुंच जाएगी।
दूसरा और तीसरा अशरा जल्द आएगा
ग्यारह रमजान से दूसरा अशरा शुरु हो जाएगा। जिसमें मगफिरत के फैसले होते है। मुसलमान अपने गुनाहों की माफी तलब करता है। कसरत से अस्तग़फार पढ़ता है। तस्बीह पढ़ता है। और अपने गुनाहों पर नादिम होता है। तीसरा अशरा इक्कीस रमजान से लेकर आखिर तक होता है। पाकीजा मुकद्दस शबे कद्र जिसे लैलतुल कद्र भी कहते है इसी अशरे की विषम रातों में मिलती है।