Power demand rises in Delhi as summer heat picks pace

Power demand rises in Delhi as summer heat picks pace
गर्मी बढ़ने के साथ ही दिल्ली में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची
नई दिल्ली, 8 अप्रैल: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को राजधानी में इस वर्ष की अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग दर्ज की गई, जो 5,029 मेगावाट तक पहुंच गई। यह आंकड़ा स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) द्वारा दोपहर 3:30 बजे के आसपास दर्ज किया गया।
इस वर्ष अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ही राजधानी में तापमान में काफी वृद्धि देखी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी में दिन का तापमान लगातार 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है, जो सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक है। इससे न केवल लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है, बल्कि एयर कंडीशनर, कूलर और पंखों की अधिक खपत के चलते बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
डिस्कॉम की तैयारियां और चुनौतियाँ
दिल्ली में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी कई वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के पास है, जिनमें टाटा पावर-डीडीएल, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) प्रमुख हैं। टाटा पावर-डीडीएल ने मंगलवार को अकेले 1,585 मेगावाट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया, जो इस गर्मी के सीजन की अब तक की सबसे ऊंची मांग है।
टाटा पावर-डीडीएल के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने इस बढ़ती मांग से निपटने के लिए पहले से ही विशेष योजनाएं तैयार कर रखी हैं। इनमें पीक डिमांड मैनेजमेंट, स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी का उपयोग और वैकल्पिक स्रोतों से बिजली की व्यवस्था शामिल है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आने वाले महीनों में जब तापमान और बढ़ेगा, तो मांग में और इजाफा देखने को मिल सकता है।
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करें। खासकर दोपहर और शाम के समय, जब बिजली की खपत सबसे ज्यादा होती है, उस समय गैर-जरूरी उपकरणों को बंद रखें। साथ ही, ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है जिससे बिजली की खपत को कम किया जा सके।
आने वाले दिनों की चुनौती
गर्मी का मौसम अभी शुरू ही हुआ है, और विशेषज्ञों का मानना है कि मई और जून में बिजली की मांग और भी अधिक बढ़ सकती है। ऐसे में डिस्कॉम कंपनियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वे निर्बाध और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें। इसके लिए न केवल तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता होगी, बल्कि उपभोक्ताओं की भागीदारी और जागरूकता भी बेहद जरूरी होगी।
बढ़ती बिजली मांग न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरणीय प्रभावों की ओर भी इशारा करती है। अधिक बिजली खपत का अर्थ है अधिक उत्पादन, जिससे कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि होती है। इसलिए दीर्घकालिक समाधान के तौर पर अक्षय ऊर्जा स्रोतों का विस्तार और ऊर्जा संरक्षण की आदतों को बढ़ावा देना समय की मांग है।
निष्कर्ष
दिल्ली में बढ़ती गर्मी और उससे जुड़ी बिजली की मांग एक गंभीर विषय बनता जा रहा है। हालांकि डिस्कॉम कंपनियां इसके लिए तैयार हैं, लेकिन उपभोक्ताओं की भागीदारी और सतर्कता भी उतनी ही आवश्यक है। ऊर्जा की बचत न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है।