MP cooperatives can run petrol pumps medical stores
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मध्यप्रदेश में सहकारी समितियाँ चला सकेंगी पेट्रोल पंप और मेडिकल स्टोर: मुख्यमंत्री मोहन यादव

भोपाल, 14 अप्रैल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को एक राज्यस्तरीय सहकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब राज्य की सहकारी समितियाँ पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर सहित कई बहुउद्देशीय सेवाएं संचालित कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और इसे सशक्त बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि सहकारी समितियों को केवल पारंपरिक कार्यों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक विकास के अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय भागीदार बनाया जाए।” उन्होंने आगे बताया कि बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य में पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर, उपभोक्ता भंडार जैसे उपक्रमों का संचालन संभव होगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता को आसान बनाना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। मुख्यमंत्री के अनुसार, इस योजना से न केवल उपभोक्ताओं को सुविधाजनक सेवाएँ मिलेंगी, बल्कि सहकारी समितियों को भी आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकेगा।

राज्य सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि समितियों को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। साथ ही, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सहकारी समितियों को बैंकों से जोड़कर उन्हें वित्तीय रूप से सक्षम बनाया जा रहा है, जिससे वे अपने सदस्यों को सस्ती दरों पर ऋण और अन्य सुविधाएं प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” की परिकल्पना साकार की जा सकती है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, कृषक नेता और सरकारी अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने सहकारी आंदोलन को जन-आंदोलन बनाने की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ सफल सहकारी समितियों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में पहले से ही कुछ समितियाँ दुग्ध उत्पादन, बीज वितरण और कृषि उपकरणों की आपूर्ति में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। अब समय आ गया है कि इनकी भूमिका को और विस्तारित किया जाए।

मुख्यमंत्री के इस ऐलान को ग्रामीण और सहकारी क्षेत्र में सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलने की संभावना जताई जा रही है।

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