Lightning and hailstorm wreak havoc in Bihar 25 people dead

Lightning and hailstorm wreak havoc in Bihar 25 people dead
बिहार में बिजली गिरने और ओलावृष्टि से तबाही, 25 लोगों की मौत
पटना, 10 अप्रैल: बिहार के कई जिलों में गुरुवार को आई अचानक मौसमीय आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। तेज आंधी, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में अब तक कम से कम 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान में दी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित जिला नालंदा रहा, जहां अकेले 18 लोगों की जान गई। इसके अलावा सीवान में दो, जबकि कटिहार, दरभंगा, बेगूसराय, भागलपुर और जहानाबाद जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है।
यह आपदा ऐसे समय में आई जब राज्य में रबी की फसल की कटाई चल रही थी। ओलावृष्टि और तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है। बिजली गिरने से कई घरों और पशुओं को भी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
हालांकि, विपक्ष ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा किया कि गुरुवार को बिजली गिरने और ओलावृष्टि से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह वास्तविक स्थिति को छुपाए नहीं और सभी प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता प्रदान करे।
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “बिहार में मौसम की मार से जान-माल की भारी क्षति हुई है। सरकारी आंकड़े जमीनी हकीकत से कम हैं। मृतकों की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। सरकार को चाहिए कि राहत और मुआवजे के कार्य में तेजी लाई जाए, और खेतों में हुई फसल की क्षति का भी मुआवजा दिया जाए।”
बिजली गिरने की घटनाएं बिहार में हर साल मानसून और गर्मी के बीच के समय में आम हैं, लेकिन इस बार यह घटना अप्रैल की शुरुआत में ही सामने आई है, जो मौसम में हो रहे बदलावों का संकेत देती है। मौसम विभाग ने पहले ही राज्य में तेज हवाओं, गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई थी।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की चेतावनी को गंभीरता से लें और खराब मौसम के दौरान घरों में ही रहें। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्राकृतिक आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की मजबूती की जरूरत को उजागर कर दिया है।