Happy New Year : 2025 में ही शुरू की जाने वाली योजनाएं
Spread the love

Happy New Year : 2025 में ही शुरू की जाने वाली योजनाएं

पूरी तरह से: रेलवे, रेलवे, मेट्रो, विद्युत परियोजनाएं..। 2025 में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने की संभावना है, जो देश को रफ्तार देंगे। वहीं, दिल्ली से कश्मीर की सीधी ट्रेन और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से सीधी ट्रेन भी 2025 में ही शुरू की जाएगी।

दिल्ली:
भारत 2025 का स्वागत कर रहा है, लेकिन हर वर्ष देश ने विकास के नए कीर्तिमान बनाए हैं। 2047 तक देश को विकसित करने के लिए आने वाले सालों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी पूरी होंगी। रेलवे, मेट्रो, बिजली या एक्सप्रेस-वे जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण साल 2025 में पूरा हो जाएगा, जो बहुत से देशों को विकसित करने में मदद करेगा। आज हम आपको ऐसी ही कई बड़ी परियोजनाओं की चर्चा करेंगे।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर न्यू अशोक नगर और साहिबाबाद स्टेशनों के बीच काम लगभग पूरा हो चुका है और जनवरी 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। सराय काले खां स्टेशन का काम अंतिम चरण में है, और न्यू अशोक नगर से सराय काले खां के बीच ट्रैक बिछाने का काम भी जारी है। साथ ही, साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर ट्रेनों की जांच में तेजी आई है। आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशन खुलने से कॉरिडोर 42 किमी से 54 किमी बढ़ जाएगा।

यात्री न्यू अशोक नगर और मेरठ दक्षिण के बीच सिर्फ 35 से 40 मिनट में मोनो भारत ट्रेन से जा सकते हैं। न्यू अशोक नगर स्टेशन, एक “मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब”, आरआरटीएस को दिल्ली मेट्रो ब्लू लाइन से जोड़ेगा। 2025 तक आरआरटीएस का पूरा कॉरिडोर पूरा होने की उम्मीद है, जिससे दिल्ली से मोदीपुरम तक की यात्रा एक घंटे से भी कम हो जाएगी।

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट

अगले साल से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से व्यावसायिक सेवाएं शुरू होंगी। अगले साल के अप्रैल में, नोएडा के जेवर में तैयार हो रहे इस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से पहली पैसेंजर फ्लाइट उड़ान भरेगी। सितंबर में एयरपोर्ट का पहला चरण शुरू होना था, लेकिन विश्वव्यापी सप्लाई चेन की वजह से बाधा आई है। हालाँकि, रनवे पर डामर की मरम्मत पूरी हो गई है। इसे टेस्ट किया गया है। रनवे मार्किंग, एप्रोच लाइट और एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग का काम अभी भी चल रहा है। साथ ही बैगेज हैंडलिंग सिस्टम का इंस्टालेशन भी पूरा होने वाला है, फेसिंग साइड और छत पर भी काम चल रहा है। वहीं प्रमुख एयरो कंसेशंस, जैसे फ्लाइट्स फ्यूलिंग सर्विसेज, ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो, भी पूरी हो चुकी हैं। नॉन-एयरो कंसेशंस (रिटेल, डाइनिंग, लाउंज, ड्यूटी फ्री और होटल) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। ई-गेटकी, सेल्फ-सर्विस बैग ड्रॉप और चेक-इन कियोस्क की जांच की जा रही है। साथ ही, एयरफील्ड लाइटिंग, पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसे ऑपरेशनल और मरम्मत सेवाओं के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (AG) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है। निर्माण पूरा होने पर यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। ये दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थित होगा और NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा. यह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की जगह लेगा।

दिल्ली मेट्रो: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) अपने चौथे चरण के विस्तार के तहत 40 किलोमीटर से अधिक के भूमिगत गलियारों का निर्माण कर रहा है. यह लगभग आधा हिस्सा लगभग 86 किलोमीटर की नई लाइन है जो पांच अलग-अलग गलियारों में बनाई जा रही है। चौथी चरण में 27 भूमिगत स्टेशन बनाए जा रहे हैं। जनकपुरी पश्चिम से कृष्णापार्क तक लगभग दो किलोमीटर लंबे भूमिगत खंड, जो ‘मैंजेंटा लाइन’ का विस्तार है, का निर्माण पूरा हो चुका है।

साथ ही, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सात किलोमीटर लंबा भूमिगत मेट्रो गलियारा बनाने की भी संभावना है जो इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से उत्तरी और दक्षिणी ब्लॉकों को जोड़ता है, साथ ही इंडिया गेट, भारत मंडपम और नया “कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट”। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को प्रस्तावित गलियारे को समाप्त करने का आदेश दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी है। कर्त्तव्य पथ से शुरू होकर प्रस्तावित लाइन उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में समाप्त होगी, जहां एक संग्रहालय केंद्रीय विस्टा योजना का एक भाग होगा।

Delhi-Mumbai Expressway लगभग 1400 किलोमीटर लंबा, आठ लेन का सड़क है जो भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को वित्तीय राजधानी मुंबई से जोड़ेगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के पांच राज्यों से गुजरेगा। इसके कई हिस्से भी कुछ राज्यों में बनाए गए हैं। सरकार ने 2025 के अंत तक या 2026 में पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद की है। भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे इसी नाम से होगा। ये सड़क इंजीनियरिंग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। निर्माण कार्य पूरा होने पर दोनों शहरों के बीच की 24 घंटे की दूरी 12 घंटे में कम हो जाएगी।

एक्सप्रेस-वे में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए अलग लेन, हेलीपैड, ट्रॉमा केयर सेंटर और EV चार्जिंग स्टेशन होंगे। सरकार का कहना है कि यह एशिया का पहला हाईवे है जिसमें वन क्रॉसिंग और एनिमल ओवरपास हैं। ईंधन बचाने के लिए सभी वाहनों की गति 120 km/h होगी। लगभग 300 मिलियन लीटर ईंधन की बचत और प्रति वर्ष 800 मिलियन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन की कमी का अनुमान है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम जनवरी 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी दो से ढाई घंटे कम हो जाएगी, जो अभी पांच से छह घंटे है। दिल्ली-देहरादून राजमार्ग परियोजना में दो योजनाएं हैं। एक्सप्रेसवे पर 25 किलोमीटर की सड़क होगी। जिसमें से 14 किलोमीटर सुरंगों में और 6 किलोमीटर खुले हैं। इस एक्सप्रेस-वे से दोनों शहरों की दूरी 235 km से 210 km हो जाएगी। यह राजमार्ग बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे के हर २५ से ३० किलोमीटर पर यात्रियों के लिए सुविधाएं होंगी। हाइवे पर भी सुरक्षित क्रासिंग बनाए गए हैं। 100 km/h की गति का एक्सप्रेस-वे बनाया गया है। ये पशु अंडरपास और एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा (12 किमी) होगा। एक्सप्रेसवे से हरिद्वार तक एक 51 किलोमीटर का लिंक भी बनाया जाएगा। ये एक्सप्रेस-वे लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का खर्च कर रहा है।

दिल्ली के अक्षरधाम से यह एक्सप्रेस-वे शुरू होगा। मंडोला, सोनिया विहार, विजय विहार और शमशान घाट (कैलाश नगर) में सात प्रवेश बिंदु होंगे। वहीं विजय विहार, सोनिया विहार और खजूरी चौक निकास बिंदु होंगे। उत्तर प्रदेश से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए मंडोला, विजय विहार और पांचवां पुश्ता प्रवेशद्वार होंगे, जबकि यात्री मंडोला, लोनी, विजय विहार, कैलाश नगर शमशान घाट, गीता कॉलोनी और अक्षरधाम से बाहर निकल सकेंगे। यह राजमार्ग बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर से गुजरेगा। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर लोनी बॉर्डर से अक्षरधाम तक टोल टैक्स नहीं देना होगा। माना जाता है कि शुरुआती 18 किलोमीटर तक टोल नहीं लिया जाएगा। उसके आगे ही टोल टैक्स भुगतान करना होगा।

दिल्ली से कश्मीर की सीधी ट्रेन भी काम तेजी से आगे बढ़ रही है, जो कश्मीर घाटी को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ती है। काम जल्द पूरा होगा और जनवरी 2025 से दिल्ली से कश्मीर की सीधी ट्रेनें शुरू होंगी। दिल्ली से श्रीनगर की 800 किमी दूरी 13 से 15 घंटे में तय की जा सकेगी।

कश्मीर रेलवे परियोजना पिछले तीस वर्षों से चल रही है। ऊंचे पहाड़ों पर टनल और ट्रैक बनाना बहुत मुश्किल है। उस समय, इस मार्ग पर दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब पुल भी बनाया गया। नई दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कई स्टेशनों से गुजरेगी, जैसे अंबाला कैंट जंक्शन, लुधियाना जंक्शन, कठुआ, जम्मूतवी, श्री माता वैष्णो देवी कटरा, संगलदान और बनिहाल।

प्रॉपर्टी की लागत बढ़ेगी
देश में संपत्ति की कीमतें भी 2025 तक बढ़ने वाली हैं। घर खरीदारों को उम्मीद है कि संपत्ति की कीमतें अगले वर्ष 6 से 15 प्रतिशत बढ़ जाएंगी। किराये में बढ़ोतरी और पूंजीगत मूल्य में वृद्धि को इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म मैजिकब्रिक्स ने बताया कि लगभग 35 प्रतिशत लोगों ने खरीदारी को रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) के कारण प्राथमिकता दी है। 22 प्रतिशत लोगों का मानना है कि किराया बढ़ने से वे खरीदारी करते हैं। खरीदार आवासीय संपत्तियों में अपनी वार्षिक आय का चार से पांच गुना निवेश करने को तैयार हैं।

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, बेहतर कनेक्टिविटी, त्योहारी प्रोत्साहनों और बदलती जीवन शैली के विकल्पों के कारण रियल एस्टेट उद्योग भी बढ़ रहा है, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सरकार के प्रयासों के बीच। अब ज्यादातर भारतीयों ने “लाइफस्टाइल आवास” का विकल्प चुना है, और रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा निवेश परिसंपत्ति वर्ग बन गया है। प्रॉपर्टी की खरीदारी में वृद्धि हुई है, क्योंकि कई डेवलपर्स अब हर समय, खासकर छुट्टियों के दौरान, प्रोत्साहन दे रहे हैं।

DDA की घरेलू योजना 2025 तक

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर एक विशेष आवास योजना को मंजूरी दी है. इस योजना में अन्य लोगों के अलावा पीएम-विश्वकर्मा और पीएम-एसवीनिधि योजनाओं के लाभार्थियों, महिलाओं, पूर्व सैनिकों, ऑटो और कैब चालकों शामिल हैं। इसके तहत नरेला में पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों सहित भवन और निर्माण श्रमिकों को 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है, साथ ही सिरसपुर, नरेला और लोकनायक पुरम में समाज के अन्य वंचित वर्गों को 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है। इसके अलावा, प्राधिकरण ने डीडीए की विशेष आवास योजना को 2025 में शुरू करने को भी मंजूरी दी. इस योजना में 110 फ्लैट वसंत कुंज, रोहिणी, वसंत कुंज और जहांगीरपुरी में उपलब्ध होंगे।पात्र आवेदकों को पहले आओ, पहले पाओ योजना के तहत नरेला (सभी श्रेणियां), सिरसपुर (एलआईजी) और लोकनायकपुरम (एलआईजी) में उपलब्ध फ्लैटों में से 25 प्रतिशत आरक्षित किए जाएंगे। इसके अलावा, एमआईजी में 10 प्रतिशत फ्लैट छूट योजना के लिए आरक्षित रहेगा। बयान में कहा गया है कि योजना 31 मार्च 2025 तक उपलब्ध है। वसंत कुंज में फ्लैट ई-नीलामी के माध्यम से पेश किए जाएंगे, जबकि अन्य स्थानों पर पहले आओ पहले पाओ का सिद्धांत लागू होगा।

मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का पहला कैरिज वे, जो 596 किलोमीटर लंबा है, 2025 के जनवरी में पूरा होने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे बनने के बाद छह से सात घंटे का समय लगेगा। यह राजमार्ग मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ तक जाएगा। इस राजमार्ग पर 28 ओवर ब्रिज बनाए गए हैं। परियोजना पर लगभग ४० हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण कार्य लगभग ९० प्रतिशत पूरा हो चुका है।

गंगा एक्सप्रेसवे पर गाड़ी 120 km/h की रफ्तार से चलेगी। फिलहाल यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे है, लेकिन आवश्यकता होने पर इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। ये उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा राजमार्ग होगा। मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में भी औद्योगिक गलियारा बनाए जा रहे हैं। यहां औद्योगिक क्षेत्रों के साथ लाजिस्टिक हब और वेयरहाउस बनाए जाएंगे।

भारत ने 2025 में सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए, वह अधिक कोयला आधारित और पनबिजली संयंत्रों को स्थापित करेगा और पारेषण प्रणाली को मजबूत करेगा। सरकार ने बढ़ी हुई बिजली मांग को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि और पारेषण बुनियादी ढांचे के विस्तार की एक व्यापक योजना बनाई है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, मई 2024 में 250 गीगावाट और सितंबर 2023 में 243 गीगावाट के रिकॉर्ड उच्च स्तर से अधिक बिजली की मांग 2025 में 270 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है। साथ ही, 2035 तक विद्युत की अधिकतम मांग 446 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।
बिजली मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर 2031 से 2032 तक 80 गीगावाट की एक परियोजना बनाई है। इसके अलावा, लगभग 14 गीगावाट की पनबिजली परियोजनाओं और 6,050 मेगावाट की पंप भंडारण परियोजनाएं (पीएसपी) निर्माणाधीन हैं। लगभग 24.22 गीगावाट की पनबिजली योजना और 50.76 गीगावाट की पीएसपी योजना अलग-अलग चरणों में हैं और उन्हें 2031 से 2032 तक पूरा करने का लक्ष्य है। साथ ही, लगभग 7,300 मेगावाट की परमाणु क्षमता निर्माणाधीन है, जबकि 7,000 मेगावाट की क्षमता योजना और अनुमोदन के विभिन्न चरणों में है। इसके अलावा, सरकार 2030 तक लगभग 300 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर गैर-जीवाश्म ईंधन से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन करेगी।

सरकार ने 2032 तक पारेषण बुनियादी ढांचे में 9.16 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य रखा है, जिससे अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता से बिजली बनाया जा सके।

अटल सेतु के पास मुंबई में नई सड़क

14 लेन की सड़क मुंबई के समुद्र तट पर अटल सेतु के निकट प्रस्तावित है। इसके बनने से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर मौजूदा यातायात में चालीस प्रतिशत की कमी होगी। रिंग रोड पुणे को जोड़ेगी। मुंबई के शिवड़ी को नवी मुंबई से जोड़ने वाला अटल सेतु देश में समुद्र पर बना सबसे लंबा पुल है।

Advertisement – हमें ज़रूरत है Fresher Trainee Reporters और Writers कीजिसके लिए सिर्फ़ हिन्दी का अच्छा ज्ञान और थोड़ी बहुत ख़बर की समझ होनी ज़रूरी है
newsinshorts.co.in से आज ही जुड़ने के लिए हमें   news@newsinshorts.co.in   पर Email करें।
Training के बाद आपकी Income Start हो जाएगी
हमसे जुड़ने के लिए हमारी मेल आईडी newsinshortskhabar@gmail.com पर संपर्क करें

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.

SAUDI ARABIA की पहली मिस यूनिवर्स प्रतियोगी RUMY ALQAHTANI Mahua Moitra | महुआ मोइत्रा के बारे में कम ज्ञात तथ्य कौन है यह मॉडल