controversial statement of Minister Sanjay Nishad
Spread the love

controversial statement of Minister Sanjay Nishad

मंत्री संजय निषाद के विवादित बयान से राजनीतिक भूचाल

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद के एक विवादित बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा –
“मैं यहां ऐसे नहीं पहुंचा हूं, पुलिस के 7 दारोगा का हाथ-पैर तुड़वाकर, उन्हें गड्ढे में फिंकवाकर यहां पहुंचा हूं।”

उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

क्या है पूरा मामला?

संजय निषाद, जो निषाद पार्टी के प्रमुख भी हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद पर हैं, अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। उनका यह बयान किसी सभा या सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया गया, जहां उन्होंने अपने राजनीतिक संघर्ष और सत्ता में पहुंचने के तरीके को लेकर यह टिप्पणी की।

इस बयान के बाद से विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोल दिया है और इसे ‘कानून व्यवस्था की विफलता’ करार दिया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “अगर किसी मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि उसने पुलिस के अधिकारियों पर हिंसा करवाई, तो मुख्यमंत्री को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”

कांग्रेस ने भी इस बयान को ‘अराजकता को बढ़ावा देने वाला’ बताया और निषाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।

बसपा ने इसे भाजपा सरकार की ‘कानून व्यवस्था की नाकामी’ करार दिया और कहा कि अगर कोई आम नागरिक ऐसा बयान देता, तो उस पर तुरंत केस दर्ज होता।

 

क्या हो सकते हैं कानूनी परिणाम?

संजय निषाद का यह बयान भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आता है, जिसमें धमकी देना (Section 506), सार्वजनिक रूप से हिंसा को बढ़ावा देना (Section 153A) और सरकारी अधिकारियों पर हमला करना (Section 353) शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक उनके खिलाफ कोई आधिकारिक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

अगर सरकार इस बयान को गंभीरता से लेती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

सरकार की चुप्पी और संभावित असर

इस बयान को लेकर भाजपा नेतृत्व ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह भाजपा के लिए असहज स्थिति हो सकती है, क्योंकि एक मंत्री का इस तरह का बयान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

अगर इस मामले पर कार्रवाई नहीं होती है, तो विपक्ष इसे आगामी चुनावों में मुद्दा बना सकता है और भाजपा को घेर सकता है।

निष्कर्ष

संजय निषाद का यह बयान निश्चित रूप से गंभीर और आपत्तिजनक है। एक मंत्री को ऐसा बयान देना न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था को चुनौती देने जैसा भी है।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या कोई कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं। इस मामले पर आपकी क्या राय है? कमेंट में बताएं!

 

Advertisement – हमें ज़रूरत है Fresher Trainee Reporters और Writers की… जिसके लिए सिर्फ़ हिन्दी का अच्छा ज्ञान और थोड़ी बहुत ख़बर की समझ होनी ज़रूरी है ।
newsinshorts.co.in से आज ही जुड़ने के लिए हमें   news@newsinshorts.co.in   पर Email करें।
Training के बाद आपकी Income Start हो जाएगी ।
हमसे जुड़ने के लिए हमारी इ-मेल आईडी newsinshortskhabar@gmail.com पर संपर्क करें

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.

SAUDI ARABIA की पहली मिस यूनिवर्स प्रतियोगी RUMY ALQAHTANI Mahua Moitra | महुआ मोइत्रा के बारे में कम ज्ञात तथ्य कौन है यह मॉडल