Mahakumbha वर्ष 2025: Prayagraj News: महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
Mahakumbha वर्ष 2025: Prayagraj News: महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होगी, आगजनी से निपटने के लिए ये उपाय होंगे: योगी सरकार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी है। इस बार आग से निपटने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
Mahakumbha वर्ष 2025: महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं को प्रशासनिक रूप से नियंत्रित करना और महाकुंभ के पर्वों को सफलतापूर्वक बिना किसी समस्या और भगदड़ के संपन्न करवाना एक बड़ी चुनौती है। प्रसाशन का लक्ष्य है कि सभी श्रद्धालु स्नान पर्वों पर स्नान करके सुरक्षित घर पहुँचें। यूपी सरकार ने इसके लिए अपनी सभी एजेंसियों को महाकुंभ में लगाया है। पुलिस और होमगार्ड दोनों इनमें महत्वपूर्ण हैं। इस बार यूपी सरकार ने महाकुंभ में 14 हजार से अधिक होम गार्डों को लगाया है। जिन्हें एक साथ कई काम करना होगा। प्रयागराज शहर से महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करते ही होमगार्ड्स कार्यालय का पहला कैंप देखने को मिलता है।
महाकुंभ में होमगार्ड्स को कई अलग-अलग काम करने की आवश्यकता होती है। होमगार्ड्स भी पुलिस की कमी को पूरा करते हैं, ट्रैफिक को नियंत्रित करते हैं और संतों के अखाड़ों और कैंपों में भी काम करते हैं। होमगार्ड्स महाकुंभ में आने वाले लोगों को सही रास्ता भी बताते हैं और उनकी हर संभव मदद करते हैं। यही नहीं, ज़रूरत पड़ने पर ये अपने संसाधनों से अशक्त बुजुर्गों को गंगा स्नान करवाने और उन्हें घर लौटने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
14 हजार से अधिक होमगार्डों का कार्यभार
पूरे कुंभ में 14100 होमगार्ड कार्यरत हैं इनमें से कुंभ क्षेत्र में 8500 पुलिसकर्मी हैं। इसके अलावा, कमीशनरेट के कार्यों और जीआरपी के लिए होमगार्ड तैनात हैं। होमगार्ड का ध्येय है- सुरक्षा के साथ सेवा. इन जवानों को थानों में, अखाड़ों में, डायल 112 पर, ट्रैफिक में और LICU में काम करना होगा। यूपी के सभी ज़िलों से होमगार्ड्स महाकुंभ की रक्षा करने के लिए बुलाए गए हैं। होमगार्ड ने २० सेक्टरों में शिविर लगाए हैं।
महाकुंभ में कपड़े और लकड़ी से बने टेंट हैं, चाहे वे आम श्रद्धालुओं के हों, वीआईपीओं की लक्ज़री टेंट सिटी हों या पुलिस प्रशासन के कार्यालय हों। यही कारण है कि आग लगने का खतरा बना रहता है। इससे निपटने के लिए इस बार महाकुंभ में खास तैयारी की गई है। यह विदेशी बाइक मॉडल को देशी आवश्यकताओं के लिए अनुकूलित करके बनाया गया था. इस सुंदर और बहुत उपयोगी बाइक से किसी भी तरह का उत्साह पूरा हो सकता है।
बाइक यात्रियों को आग के खिलाफ जागरूक करेगी
ये भी आल टेरेन बहकिल महाकुंभ क्षेत्र में जल्दी बालू पर चल सकते हैं। महाकुंभ के चार स्थानों को पार करने के लिए चार बाइकें मंगवाई गई हैं। ये देश का पहला आल टेरेन फ़ायर बाइक है। इस फ़ायर बाइक में कई काम हैं। इसमें आग बुझाने के लिए आवश्यक सभी उपकरण मौजूद हैं। इसमें लाउड स्पीकर और माइक भी है, जिससे महाकुंभ में आने वाले लोगों को आग से बचाने के लिए जागरूक किया जाए।
महाकुंभ की सुरक्षा और सेवा में लगे पुलिस और होमगार्ड्स को सिलेंडर में लगी आग बुझाने के तरीके बताए जा रहे हैं। फ़ायर एस्टिंगविशर को चलाने की प्रक्रिया बताई जाती है। यह भी सिखाया जा रहा है कि घायल को स्ट्रेचर पर लिटाकर गिरने से बचाने के लिए कपड़े से स्ट्रेचर कैसे बनाया जाए। महाकुंभ में बीस फ़ायर पोस्ट और पच्चीस फ़ायर स्टेशन बनाए गए हैं। महाकुंभ का क्षेत्र चार हजार हेक्टेयर है।
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