Rapid Train : दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर 11 स्टेशन

Rapid Train : दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर 11 स्टेशन
प्रत्येक ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है; अन्य कोचों में भी महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए सीटें आरक्षित हैं. 40 मिनट में दिल्ली से मेरठ, कितना किराया, कौन-से स्टेशन, दिल्ली मेट्रो से कहां कनेक्ट, रैपिड ट्रेन के सभी विवरण हैं। Nemo India ट्रेनों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए अलग-अलग स्थान हैं।
दिल्ली:
दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर लंबे अतिरिक्त भाग का उद्घाटन रविवार को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। कॉरिडोर का 42 किलोमीटर का हिस्सा वर्तमान में साहिबाबाद से मेरठ साउथ के बीच नौ स्टेशनों से चलता है। नमो भारत कॉरिडोर का कार्यक्षेत्र इस उद्घाटन से 55 किलोमीटर तक बढ़ गया है। इसमें कुल ग्यारह स्टेशन हैं।
इस खंड के शुरू होने से मेरठ शहर अब नमो भारत के माध्यम से दिल्ली से सीधे जुड़ गया है। इससे यात्रा का समय एक तिहाई कम हो जाएगा, न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 40 मिनट में पहुँच जाएगा। नमो भारत ट्रेनों की लोकप्रियता और प्रभाव को 50 लाख से अधिक यात्री अब तक लाभ उठा चुके हैं। मेरठ साउथ-मोदीपुरम और न्यू अशोक नगर-सराय काले खां, कॉरिडोर के बाकी हिस्सों में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
इस नवनिर्मित 13 किलोमीटर के भाग में से 6 किलोमीटर भूमिगत है, जिसमें आनंद विहार, कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह पहली बार है कि नमो भारत ट्रेनें भूमिगत क्षेत्र में चलेंगी। न्यू अशोक नगर इस सेक्शन का दूसरा एलिवेटेड स्टेशन है। दिल्ली में दोनों स्टेशन हैं।
NAMO India परियोजना का मूल सिद्धांत मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन रहा है। यह पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करना करना है। Nemo India स्टेशनों को ऐसे बनाया गया है कि वे बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशनों से जहां भी संभव हो सहजता से एकीकृत हो सकें।
NCTC ने यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निर्माण के दौरान कई तकनीकी चुनौतियों का सामना किया, जिसमें जटिल इंजीनियरिंग बाधाएँ भी शामिल थीं, लेकिन NCTC ने उन्हें सफलतापूर्वक पार किया।
आनंद विहार स्टेशन
नमो भारत कॉरिडोर में सबसे बड़ा स्टेशन आनंद विहार भूमिगत स्टेशन है। यहां से मेरठ साउथ की यात्रा सिर्फ 35 मिनट में की जा सकती है। इस स्टेशन की डिज़ाइन ऐसी है कि यह सभी सार्वजनिक परिवहन माध्यमों के बीच मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन की सुविधा देगा। इसमें स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार), कौशांबी स्थित आईएसबीटी, पिंक और ब्लू लाइन मेट्रो के दो कॉरिडोर, आनंद विहार रेलवे स्टेशन और सिटी बस स्टैंड शामिल हैं।दिल्ली और मेरठ के लोग इस स्टेशन से मेट्रो, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशनों द्वारा देश के किसी भी कोने में आसानी से जा सकते हैं।स्टेशन पर एफओबी, अलग-अलग प्रवेश द्वार और निकास हैं, जो यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करते हैं। आनंद विहार स्टेशन को ग्राउंड लेवल से सिर्फ 8 मीटर की गहराई पर यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया है। कॉरिडोर को इतनी गहराई पर बनाने के लिए आनंद विहार से गुजरने वाली मेट्रो लाइनों के बेसमेंट के नीचे से बनाया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध एनसीआरटीसी ने नई तकनीकों, रणनीतिक योजनाओं और नवीन तरीकों का प्रयोग कर इसे संभव बनाया है, हालांकि यह निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से बहुत कठिन है। तीन पुल मार्ग गाजीपुर ड्रेन के ऊपर इस स्टेशन में वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए बनाए गए हैं। दो पुलों में वाहनों का प्रवेश और निकास होता है, जबकि एक पुल पैदल यात्रियों के आवागमन के लिए बनाया गया है। 297 मीटर लंबे और 35 मीटर चौड़े इस स्टेशन के बाहरी हिस्से में ग्रे रंग का फसाड लगा हुआ है, जबकि अंदर दीवारों और पिलर्स में विट्रियस एनेमल पैनल लगा हुआ है। स्टेशन के अंदर, कॉनकोर्स से प्लेटफॉर्म लेवल तक जाने के लिए एस्केलेटर्स और लिफ्ट हैं। यह स्टेशन आसपास के इलाकों जैसे श्रेष्ठ विहार, रामप्रस्थ, बृज विहार और सूरजमल विहार से आने वाले यात्रियों के साथ-साथ दिल्ली और देश भर से आने वाले यात्रियों को भी सुविधा देगा।
नवाब अशोक स्टेशन
नमो भारत स्टेशन न्यू अशोक नगर दिल्ली सेक्शन पर खुला है। दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन को 20 मीटर की ऊँचाई पर पार करता है। इंजीनियरिंग की दृष्टि से, इतनी ऊँचाई पर पहले से स्थापित और काम कर रहे मेट्रो स्टेशन के ऊपर से बिना सेवा बाधित किए निर्माण करना एक बहुत बड़ा उपलब्धि है। 90 मीटर लंबे एफओबी ने इस स्टेशन को दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन से जोड़ा है। यात्रियों को स्टेशन से बाहर सड़क पर निकलने की जरूरत नहीं है; वे न्यू अशोक नगर स्टेशन को आसानी से पहुँच सकते हैं। यही कारण है कि यह स्टेशन मेरठ से नोएडा की यात्रा में महत्वपूर्ण होगा। यात्रियों को इस स्टेशन से सिर्फ चालीस मिनट में मेरठ साउथ पहुँचना होगा।यात्रियों की सुविधा के लिए इस स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों जैसे न्यू अशोक नगर, मयूर विहार, वसुंधरा और चिल्ला गांव में दो प्रवेश निकास द्वार बनाए गए हैं।यहाँ दो पार्किंग भी बनाए गए हैं, जिसकी कुल क्षमता लगभग 500 वाहनों से अधिक है, यात्रियों की सुविधा और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए।यहां ट्रेन सेवाओं और यात्रियों की सुविधा के लिए एक वाणिज्यिक केंद्र भी बनाया जाएगा। यात्री सुविधाओं को केंद्र में रखकर मोम भारत परियोजना बनाई गई है। इसी तरह, बुजुर्गों, बच्चों, दिव्यांगजनों और महिलाओं सहित सभी वर्गों की सुरक्षित और सुलभ पहुँच सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। Nemo India स्टेशन क्षेत्र में मुफ्त पीने का पानी और शौचालय हैं। स्टेशनों के अंदर और बाहर चौबीसों घंटे CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
स्टेशनों पर अलग-अलग पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ क्षेत्र भी बनाए गए हैं। स्टेशनों पर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर को आसानी से लाने-लेने के लिए बड़ी लिफ्टें और रैंप लगाए गए हैं। स्टेशन के डिज़ाइन में दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए टैकटाइल पाथ हैं, जो उनकी यात्रा को आसान बनाते हैं और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।
प्रत्येक ट्रेन में एक महिला कोच है, और अधिकांश कोचों में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए सीटें हैं। Nemo India ट्रेनों में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए अलग-अलग स्थान हैं। प्रत्येक ट्रेन में एक ट्रेन अटेंडेंट है जो सभी यात्रियों को सहायता और सुविधा देता है। साथ ही, आपातकालीन परिस्थितियों में मदद के लिए कोच के अंदर और प्लेटफ़ॉर्म के दरवाज़ों पर एक पैनिक बटन है।
नमो भारत, सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वाहनों और भीड़भाड़ को कम करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक रणनीतिक कदम है। पूरे दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के शुरू होने से, सड़कों पर लगभग एक लाख से अधिक निजी वाहनों की संख्या कम होगी और प्रति वर्ष 2.5 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा है और नई दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम में समाप्त होता है। इसमें मेरठ मेट्रो के लिए 9 और 16 नमो भारत स्टेशन हैं, जो इसे एक विस्तृत क्षेत्रीय पारगमन समाधान बनाता है। यह उद्घाटन, बेहतर सार्वजनिक परिवहन और निरंतर शहरी गतिशीलता को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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