IAF’s ‘Operation Sindoor’ : Major action on Jaish-e-Mohammed
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IAF’s ‘Operation Sindoor‘ : Major action on the headquarters of Jaish-e-Mohammed, Lashkar-e-Taiba and Hizbul Mujahideen in IAF’s ‘Operation

आईएएफ के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन के मुख्यालयों पर बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली, 7 मई:
भारतीय वायुसेना (IAF) ने एक बड़ी और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन के नौ ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर उन्हें निशाना बनाया। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का हिस्सा है, जिसमें दुश्मन को उसकी ही जमीन पर जवाब दिया गया।

इस ऑपरेशन में आईएएफ ने सटीक जानकारी के आधार पर आतंकवादी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों, मुख्यालयों और लॉजिस्टिक केंद्रों को निशाना बनाया। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के जिन ठिकानों पर प्रहार किया गया, उनमें बहावलपुर स्थित मरकज़ सुब्हान अल्लाह, तहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज़ अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं। ये सभी स्थल जैश-ए-मोहम्मद के संचालन के लिए प्रमुख केंद्र माने जाते थे।

लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई में मुरिदके में मरकज़ तैयबा, बरनाला में मरकज़ अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में स्थित शवाई नाला कैंप को लक्षित किया गया। ये ठिकाने आतंकवादियों की भर्ती, प्रशिक्षण और रणनीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे।

हिज़्बुल मुजाहिदीन के भी दो महत्वपूर्ण केंद्रों को निशाना बनाया गया – कोटली में मकज़ रहील शहीद और सियालकोट में महमूना जोया। ये दोनों केंद्र संगठन की आतंकी गतिविधियों और प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।

सूत्रों के अनुसार यह अभियान तकनीकी निगरानी, खुफिया जानकारी और सटीक लक्ष्य निर्धारण पर आधारित था, जिससे collateral damage यानी आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाए बिना आतंकियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट किया गया।

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ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की आतंक के खिलाफ नीति में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा उठा रहा है। इस अभियान से यह संदेश भी स्पष्ट हो गया है कि भारत अब अपनी सुरक्षा के लिए सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर वह सीमा पार जाकर भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है।

हालांकि पाकिस्तान की ओर से इस ऑपरेशन पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस कार्रवाई ने आतंकवादी संगठनों के ढांचे और मनोबल पर गंभीर असर डाला है।

इस सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि भारत आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अडिग है, और उसके पास इसे अंजाम देने की सामरिक क्षमता भी है।

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